पति-पत्नी के बीच संवाद की पुस्तक
लेखक: सुहाम अल-हमदानी
पृष्ठों की संख्या: 125
पति-पत्नी के बीच संवाद जल की तरह होता है जो उनके बीच स्नेह और दया को पोषित करता है तथा उनमें नवीनीकरण, निरंतरता और विकास लाता है।
हमारे जीवन के सभी पहलुओं में समस्याओं को यथासंभव उच्चतम सकारात्मकता के साथ हल करने के लिए समाज में संवाद की संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे शत्रुता, घृणा और गलतफहमी दूर होगी तथा सद्भाव और प्रेम कायम होगा।